विद्या के बिना नारी सशक्तिकरण की परिकल्पना व्यर्थ – डा. सुमन
सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा के तत्वाधान में आर्य समाज भवन मुआना में शनिवार को महिलाओं के लिये दो दिवसीय लघु गुरुकुल का प्रारंभ वैदिक यज्ञ के साथ किया गया। इसमें भिवानी से पहुंची आचार्या डा. सुमन ने महिलाओं सम्बोधित करते हुए बताया कि विद्या के बिना नारी सशक्तिकरण की परिकल्पना व्यर्थ है। आज वेद विद्या के ठीक-ठीक न जानने के कारण पढ़ी-लिखी महिलाओं का पाखंड व अंधविश्वास में फंसने के कारण शोषण हो जाता है।
जब वह ईश्वर व धर्म आदि विषयों को जानने के लिये निकलती है तो कुछ तथाकथित बाबा व साधु उनका जमकर शोषण करते हैं। डा. सुमन ने धर्म की परिभाषा बताते हुए कहा कि वेद की आज्ञानुसार जीवन यापन ही धर्म अर्थात कर्तव्य है इसके विपरीत अधर्म। सभा के महासचिव सन्दीप बुढ़ाखेड़ा ने बताया कि इस प्रकार के शिविर के आयोजनों से महिलाओं में जागरूकता बढ़ रही है जिसके परिणामस्वरूप आज हजारों महिलाएं राष्ट्र निर्माण में अपनी सहभागिता दे रही है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से पुरोहित नरेंद्रदेव शास्त्री, जयप्रकाश आर्य, जयभगवान आर्य, श्यामसुंदर आर्य, अरविंद आर्य, मनोज आर्य, रानी आर्या, अनिता आर्या, नेहा आर्या व शांति आर्या सहित काफी तादाद में लोग मौजूद थे।